हमारे मन में काई बार ये सवाल आता है कि क्या हम कम नींद लेकर ऊर्जावान रहेंगे रह सकते हैं क्या? कैसे एक योगी बिना सोए भी निरंतर निर्बाध अपनी साधना करता रहता है और सामान्य लोगों की तुलना में योगी अधिक ऊर्जावान और उपयोगी कैसे है? कैसे एक सामान्य इंसान के लिए सुबह में जल्दी उठना बहुत बड़ा काम होता है?
हमारे शरीर में ऊर्जा का मुख्य स्रोत प्राण है। हमारा शरीर 5 प्राणों के आधार पर बना हुआ है. हमारे शरीर में जो भी कोई गतिविधियाँ हो रही है वह किसी न किसी प्राण के माध्यम से हो रही है। और जो महत्वपूर्ण प्राण है सांस लेना जिसे हम ब्रह्मांड की ऊर्जा अपने अंदर ले रहे हैं। और अगर हम इस एनर्जी को कंट्रोल कर पाएं तो समझिए एनर्जी का भंडार आपके हाथ में लग जाएगा। विज्ञान के अनुसार यदि हमें ग्लूकोज को ऊर्जा में बदलना है तो एरोबिक श्वसन के अंतर्गत ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है। जब ऑक्सीजन की मात्रा शरीर में दर्द से होगी, तभी शरीर की ऊर्जा को दर्द मिलेगा।
यहां पर केवल 1 प्राण के बारे में बात की जा रही है जिसे विज्ञान समझता है। योगिक दृष्टि से यदि व्यक्ति शेष 4 प्राणों को नियंत्रित करने में सक्षम हो जाए तो वह अपनी जीवनशैली और शरीर में बदलाव देख सकता है।
अतिरिक्त नींद को नियंत्रित करने में प्राणायाम के फायदे | Control Sleep through Pranayama:-
- यह प्राणायाम हठ योग में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, इसको योग आसन से भी ऊपर और महत्वपूर्ण बताया गया है। प्राणायाम के माध्यम से बहुत सारे साधकों ने एक विशेष स्तर को प्राप्त किया है। प्राणायाम के माध्यम से बहुत सारे साधकों ने एक विशेष स्तर को प्राप्त किया है। अपने दिमाग का इतना दर्द लेवल का उपयोग किया है जो साधारण व्यक्ति की सोच के बाहर है।
- यदि एक सामान्य व्यक्ति है, तो इस प्राण को समझने का प्रयास करें और इसको सही उपयोग करना शुरू करें तो एक बुनियादी स्तर पर भी पहुंचें जिसके अपने शरीर में ऊर्जा स्तर बढ़ जाए। प्राणायाम वह एक ऐसी तकनीक है, जिसे अगर मुँहासे से विधिपूर्ण किया जाए तो आप काम समय के नींद के बवजूद, आप लंबे समय तक ऊर्जावान रह सकते हैं, अपनी दिमागी क्षमता का उपयोग उच्च स्तर तक कर सकते हैं.
लेकिन यह एक सतत प्रक्रिया है. अगर आप कम समय देकर सोचेंगे कि आपको ज्यादा फायदा होगा तो ऐसा संभव नहीं है। आपको अपनी दैनिक दिनचर्या में निरंतर प्राणायाम करने से 3-4 महीने में लाभ देखने में लाभ मिलेगा।
कुछ चीजें ऐसी होती हैं कि जिसके उपभोग से हमारी चेतना पर प्रभाव पड़ता है। हल्दी एक ऐसी चिकित्सा जड़ी बूटी है जो हमारे आंतरिक शरीर को तो लाभ देती है लेकिन उसके साथ हमारे दिमाग को भी डिटॉक्स करने में और चेतना को विकसित करने में सहायक है।
ध्यान रखें कोई शॉर्टकट नहीं होता, रात भर चीजें नई बदलतीं, ये निरंतर प्रक्रिया होती है और इसे बड़ी ही बारिकी से समझना चाहिए।बहुत सारी गलतफहमियां जुड़ी हुई हैं इसको लेकर, लेकिन आप ये गलतफहमियां छोड़िए, हाथ योग की तरफ बढ़ाइए, प्राणायाम को अपनी दिनचर्या में डालिए।, जिसमें आपको एक स्पष्टता, समझ आती है और जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है।
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