कामाख्या देवी मंदिर का आकर्षण | The Allure of Kamakhya Devi temple
खोजें कामाख्या मंदिर (Kamakhya Devi temple) के रहस्य और शक्तिशाली परंपराएं, जहां पवित्र अंबुबाची मेला और देवी के मासिक धर्म को सम्मानित किया जाता है।
कामाख्या देवी मंदिर को पवित्र स्थल क्यों माना जाता है? Why is Kamakhya Devi temple considered a sacred place?
दुनिया के सबसे रहस्यमयो मंदिर में से एक मंदिर है – कामाख्या देवी मंदिर। ये मंदिर हमारे 51 शक्तिपीठों में से सबसे प्राचीन, शक्तिशाली शक्तिपीठों में से है।
शक्ति पीठ को ऊर्जा केंद्र कहा जाता है। यहां पर देवी मां की ‘योनि’ रूप में पूजा की जाती है। कामाख्या देवी को रक्तस्रावी देवी के नाम से जाना जाता है। माना जाता है कि शक्ति का पौराणिक गर्भ मंदिर के ‘गर्वगृह’ या गर्भगृह में स्थापित है। जून के महीने में देवी को रक्तस्राव या मासिक धर्म होता है। इस समय कामाख्या के पास ब्रह्मपुत्र नदी लाल हो जाती है। तब कामाख्या मंदिर 3 दिनों के लिए बंद रहता है और पवित्र जल कामाख्या देवी के भक्तों के बीच वितरित किया जाता है।
कामाख्या मंदिर जाने से पहले जानिए ये बातें | Fascinating facts about Kamakhya Devi temple
- कामाख्या मंदिर शक्तिपीठो का महापीठ है। यहां पर देवी मां की पूजा “योनि” रूप में की जाती है। योनि में से हमेशा प्राकृतिक जल का प्रवाह होता है जो श्रादुलु को प्रसाद के स्वरूप में दिया जाता है।
- भारत में मासिक धर्म को अशुद्ध माना जाता है लेकिन कामाख्या मंदिर में ऐसा नहीं है। हर साल यहां जून के महीने में अंबुबाची मेले में ब्रह्मपुत्र नदी का पानी पूरा लाल हो जाता है और मंदिर को 3 दिन के लिए बंद कर दिया जाता है। पानी का ये लाल रंग मां कामाख्या मंदिर के मासिक धर्म का करण होता है।
- कहा जाता है जब मां को मासिक धर्म होता है तब मंदिर में सफेद कपड़ा सजा दिया जाता है और गेट को बंद कर दिया जाता है। जब 3 दिन बाद के कपाट खुले होते हैं तब वह सफेद कपड़ा पूरा लाल रंग में हो जाता है और इस कपड़े को श्रद्धालू को प्रसाद के रूप में दिया जाता है।
- अंदर गुफा में एक प्राकृतिक झरना है जिससे गुफा हर समय गिली रहती है। इस जल को काफ़ी प्रभावशाली और शक्तिशाली मन जाता है।
- यहां जानवरों की बाली दी जाति है और बकरे की बाली यहां पर आम है। लेकिन यहां पर किसी मादा जानवर की बाली नई दी जाती है।
- मान्यता ये है कि मां को प्रसन्न करने के लिए आप यहां पर ‘कन्या पूजन’ और भंडारा करवा सकती हैं, जिससे आप सभी की शुभकामनाएं पूरी हो जाती हैं।
- इस मंदिर को ‘तंत्र साधना’ के लिए सबसे महत्वपूर्ण स्थान माना जाता है। अगर कोई व्यक्ति “काला जादू” से परेशान है तो यहां समस्या का समाधान मिल जाता है।
- कामाख्या मंदिर के कुछ ही दूर पर उमानंद भैरव का मंदिर है। ये मंदिर ब्रह्मपुत्र नदी के बीच में द्वीप पर बना हुआ है। मान्यता है कि इनके दर्शन के बिना कामाख्या देवी की यात्रा पूरी नहीं होती।
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