मैहर माता (Maihar Devi) मंदिर के रहस्य जिसे जितना सुलझाने की कोशिश की गई, उतनी ही नाकामी मिली। मान्यता है कि जब मंदिर के दरवाज़े बंद करके सारे पुजारी नीचे आ जाते हैं, तो मंदिर के अंदर से घंटियों की आवाज़ और पूजा करने की आवाज़ें आती हैं।

मैहर देवी मंदिर कहाँ है ? Maihar Devi location 

माँ शारदा का पवित्र मंदिर मध्य प्रदेश के सतना जिले के मैहर गाँव में स्थित है।

 

मैहर मंदिर के रहस्य | Interesting story about Maihar Devi Mandir

तो सवाल यह है कि वह कौन है जो मंदिर (Maihar mata) के दरवाज़े बंद होने के बाद आता है?  आखिर क्या रिश्ता है उसका इस मंदिर के साथ? कौन है जो इस मंदिर में दरवाज़ें बंद होने के बाद मंदिर में माँ की पूजा करता है?

पुराणिक कथाओं के अनुसार, मंदिर में आज भी आलह और उदल माता की पूजा करने के लिए सबसे पहले पहुंचते हैं। आलः और उदल महाभारत में स्थित हैं, ऐतिहासिक बुंदेलखंड के सेनापति थे।उदल ने अपनी मातृभूमि की रक्षा करते हुए पृथ्वीराज चौहान के हाथों वीरगति प्राप्त की थी। यह बात सुनकर आलः ने पृथ्वीराज चौहान पर हमला किया और उन्हें घायल किया। लेकिन बाद में अपने गुरु गोरखनाथ की बात सुनकर उन्होंने वैराग्यजीवन को अपना लिया। दोनों भाई माँ महर माता के बहुत बड़े भक्त थे।

मंदिर के पुजारी के अनुसार, आलः की भक्ति से प्रसन्न होकर माँ ने उसे अमर होने का वरदान दिया था। लोगों की मानें तो आज भी मंदिर की शाम की आरती के बाद मंदिर को साफ करके दरवाज़े बंद कर दिया जाता है। और अगली सुबह मंदिर में आरती और पूजा के होने के सबूत मिलते हैं। आज भी मान्यता है कि सबसे पहले हर सुबह मंदिर के दर्शन आलः और उदल ही करते हैं। इस रहस्य को साइंटिस्ट की टीम और रिसर्च भी सुलझा नहीं सकी। माना जाता है कि मंदिर की स्थापना दोनों भाई ने ही की थी। इस मंदिर को महर देवी का शक्तिपीठ भी कहा जाता है। यह भी कहा जाता है कि यहाँ पर माँ सती का हार भी गिरा था। यह मंदिर ५१ शक्तिपीठों में से एक है।

 

मैहर देवी मंदिर कैसे पहुंचे | How to reach Maihar Devi Temple ?

मैहर देवी मंदिर तक पहुंचने के लिए आप निम्नलिखित किसी भी उपाय का उपयोग कर सकते हैं:

हवाई मार्ग से मैहर तक पहुँचने के लिए सबसे निकट एयरपोर्ट जबलपुर, खजुराहो और इलाहाबाद है। इन एयरपोर्ट्स से आप ट्रेन, बस या टैक्सी के जरिए आसानी से मैहर पहुँच सकते हैं। जबलपुर से मैहर की दूरी लगभग 150 किमी है। खजुराहो से मैहर की दूरी लगभग 130 किमी है। इलाहाबाद से मैहर की दूरी लगभग 200 किमी है।

मैहर देवी रेलवे स्टेशन | Maihar Devi nearest railway station :-  सभी ट्रेनों के ठहरने के लिए सबसे निकट रेलवे स्टेशन जंक्शन – मैहर स्टेशन से सतना स्टेशन की दूरी लगभग 36 किमी है। मैहर स्टेशन से कटनी स्टेशन की दूरी लगभग 55 किमी है। मैहर स्टेशन से जबलपुर स्टेशन की दूरी लगभग 150 किमी है।

सड़क मार्ग से मैहर शहर को राष्ट्रीय राजमार्ग 7 से सड़क से अच्छे से जुड़ा हुआ है। निकटतम प्रमुख शहरों से मैहर शहर के लिए नियमित बसें मिल जाती हैं।

 

मैहर मे मैहर माता मंदिर तक पहुंचने के विभिन्न साधन क्या हैं? Different modes to reach Maihar Devi Temple 

मैहर माता मंदिर तक पहुंचने के विभिन्न तरीके हैं। निम्नलिखित उपाय उनमें से कुछ हैं:

  1. सीढ़ियां / Maihar Devi Temple Steps :- यदि आप पैदल जाना पसंद करते हैं, तो आप माता शारदा मंदिर पहाड़ी तक सीढ़ियों से चढ़ सकते हैं। लगभग 1000 सीढ़ियाँ हैं, और ऊपर पहुंचने में लगभग 30-40 मिनट लगते हैं। सीढ़ियां अच्छी तरह से बनाई गई हैं और रास्ते में कई आरामदायक स्थान हैं।
  2. रोपवे/ Maihar Devi ropeway :- मैहर माता मंदिर पहाड़ी तक पहुंचने का एक और लोकप्रिय तरीका रोपवे है। रोपवे की सवारी एक रोमांचक अनुभव है, और यह आस-पास के क्षेत्र का शानदार दृश्य प्रदान करता है। केबल कार की सवारी ऊपर पहुंचने में लगभग 5-10 मिनट लेती है। रोपवे की टिकट कीमत 150 रुपये वयस्कों के लिए है और बच्चों के लिए 100 रुपये है।
  1. पालकी: पालकी भारत में एक पारंपरिक परिवहन का एक तरीका है, और यह शारदा माता मंदिर पहाड़ी तक पहुंचने के लिए उपयोग किया जाता है। पालकीयाँ पहाड़ी के नीचे उपलब्ध हैं, और वे आपको पहाड़ी के ऊपर ले जाते हैं।